Sunday 28 February 2010

अभी बारूद की
खुशबू उड़ेगी फिर हवाओं में
अभी तोपें चलेंगी
जंगलों में बाघ चीतों पर
अभी हाथी के बच्चों पर निशाने साधे जायेंगे
अभी खरगोश बालों से
बनेंगी कूचियाँ अपनी ...
के आओ
जश्न में हम भी ज़रा सा झूम कर देखें
के जंगल का वोही हिस्सा जहाँ बगुले टहलते हैं
के उस पोखर के कुछ नीचे
सुना
यूरेनियम भी है

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