अभी बारूद की
खुशबू उड़ेगी फिर हवाओं में
अभी तोपें चलेंगी
जंगलों में बाघ चीतों पर
अभी हाथी के बच्चों पर निशाने साधे जायेंगे
अभी खरगोश बालों से
बनेंगी कूचियाँ अपनी ...
के आओ
जश्न में हम भी ज़रा सा झूम कर देखें
के जंगल का वोही हिस्सा जहाँ बगुले टहलते हैं
के उस पोखर के कुछ नीचे
सुना
यूरेनियम भी है
Sunday 28 February 2010
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